दिव्या देशमुख वर्ल्ड कप विजेता बनकर भारतीय शतरंज इतिहास में नया अध्याय जोड़ चुकी हैं। 19 वर्षीय यह खिलाड़ी नागपुर से हैं और उन्होंने 2025 FIDE महिला विश्व कप जीतकर सीधे ग्रैंडमास्टर खिताब प्राप्त किया।

🔹दिव्या देशमुख वर्ल्ड कप विजेता 19 वर्षीय दिव्या ने रचा इतिहास
भारत की उभरती हुई शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने 2025 FIDE महिला वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। 15वीं वरीयता से टूर्नामेंट में प्रवेश करने वाली दिव्या ने फाइनल में भारत की ही अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को हराकर खिताब अपने नाम किया।
🔹 दिव्या देशमुख वर्ल्ड कप विजेता :सीधे बनीं ग्रैंडमास्टर, मिला $50,000 का इनाम
दिव्या को इस ऐतिहासिक जीत के साथ:
- $50,000 की इनामी राशि
- सीधा ग्रैंडमास्टर (GM) खिताब (बिना तीन GM नॉर्म के)
- 2026 महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में सीधा प्रवेश
इस जीत के साथ दिव्या भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर और चौथी महिला GM बन गई हैं।
🔹 कोचेस और दिग्गजों की प्रतिक्रिया
विश्वनाथन आनंद ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा:
“यह भारतीय महिला शतरंज के लिए एक महान क्षण है।”
GM आरबी रमेश, जिन्होंने दिव्या को कम उम्र में कोचिंग दी, बोले:
“दिव्या का आत्मविश्वास शुरू से अलग था। यह जीत कई लड़कियों को प्रेरणा देगी।”
GM श्रीनाथ नारायणन, दिव्या के पूर्व कोच:
“उसमें बचपन से ही बड़े मैचों का टेम्परामेंट था।”
🔹 बचपन से दिखा था चैंपियन बनने का संकेत
- जन्म स्थान: नागपुर
- शुरुआत: 6 वर्ष की उम्र में शतरंज की शुरुआत
- विद्यालय: भावनस भगवानदास पुरोहित विद्यालय
- बचपन में ही कई आयु-वर्ग टूर्नामेंट जीत चुकी थीं
- 11 साल की उम्र में चेन्नई में आरबी रमेश से ट्रेनिंग शुरू की
उनकी दादी डॉ. कमल देशमुख ने कहा:
“उसकी लगन और फोकस ने ही उसे यहाँ तक पहुँचाया है।”
🔹 मुख्यमंत्री ने किया सम्मान की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा:
“दिव्या देशमुख नागपुर और महाराष्ट्र की बेटी हैं। सरकार उन्हें उनके अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए सम्मानित करेगी।”
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🔹 महिला शतरंज में नया युग
पिछले एक वर्ष में भारत ने:
- गुकेश को विश्व चैंपियन बनते देखा
- महिला और पुरुष ओलंपियाड खिताब जीते
- हम्पी ने रैपिड विश्व खिताब जीता
- और अब दिव्या ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा
दिव्या अब गुकेश, प्रज्ञानानंद और एरिगैसी जैसे युवाओं की श्रेणी में शामिल हो गई हैं।
🔚 दिव्या की प्रतिक्रिया: “यह तो बस शुरुआत है”
फाइनल जीतने के बाद दिव्या ने FIDE से कहा:
FIDE की आधिकारिक रेटिंग प्रोफाइल
“मुझे समय चाहिए इसे समझने के लिए। GM बनना मेरे लिए किस्मत का खेल रहा। यह तो सिर्फ शुरुआत है।”