Nepal Gen-Z Protests 2025 ने देशभर में हिंसा को जन्म दिया है, जिसमें अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत और 347 घायल हो चुके हैं। ये विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से नए सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा नागरिकों द्वारा शुरू किए गए थे, जो Facebook, YouTube, X जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया था।

प्रदर्शनकारी पहले शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने संसद भवन के पास सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने जबरदस्ती से उन्हें रोकने के लिए गोली और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

“मैं शांति से विरोध करने आया था, लेकिन सरकार ने बल प्रयोग किया,” – इमान मगर (20 वर्ष) ने बताया।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया प्रतिबंध को “राष्ट्रीय हित में” बताया, जबकि Home Minister रमेश लेखाक ने इस्तीफा दे दिया।
संयुक्त राष्ट्र और Amnesty International ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

इस आंदोलन के पीछे मुख्य कारण केवल सोशल मीडिया प्रतिबंध नहीं बल्कि बढ़ता भ्रष्टाचार भी है।
युवाओं का कहना है कि वे Nepo Kids और भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं।

अभी हाल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, विशेषकर भारत-नेपाल सीमा पर।
स्थिति फिलहाल कुछ हद तक शांत हुई है, लेकिन अनिश्चितता बरकरार है।

Burnt ambulance outside Nepal Parliament during Gen-Z protests 2025

🚨 Nepal Gen-Z Protests:- नेपाल में जन-ज़ेड विरोध प्रदर्शन के मुख्य बिंदु

  • देशभर में कम से कम 19 मौतें और 347 घायल।
  • सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन।
  • गृहमंत्री का इस्तीफा।
  • अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की।

🔥 नेपाल में विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

5 सितंबर, 2025 को नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें प्रमुख हैं Facebook, YouTube, और X।
सरकार का कहना था कि ये कंपनियाँ नए नियमों के तहत पंजीकरण नहीं करवा रही थीं।
जन-ज़ेड आंदोलन के तहत युवा, खासकर छात्र, इस प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। उनका कहना था कि यह निर्णय केवल सोशल मीडिया पर नियंत्रण लगाने के लिए नहीं, बल्कि देश में बढ़ती भ्रष्टाचार को भी रोकने के लिए जरूरी था।


⚔️ हिंसक टकराव: क्या हुआ?

प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से शुरुआत में विरोध कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने संसद भवन के नजदीक सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस ने प्रतिक्रिया दी:

  • गोलियाँ चलाईं
  • आंसू गैस का उपयोग किया
  • वॉटर कैनन से झाड़ू किया
  • डंडों का प्रयोग किया

काठमांडू में अकेले 17 मौतें, जबकि पूरे देश में कुल 19 की पुष्टि हुई।

“मैं शांति से विरोध करने आया था, लेकिन सरकार ने जबरदस्ती किया,”
इमान मगर (20 वर्ष), घायल युवक ने कहा।


🏛️ सरकार का रुख और इस्तीफा

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, जो एक बहु-पार्टी कम्युनिस्ट गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने कहा कि यह कदम “राष्ट्रीय हित में” लिया गया है।
लेकिन गृहमंत्री रमेश लेखाक ने इस्तीफा दे दिया।
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पीएम ओली ने सोशल मीडिया प्रतिबंध को हटाने से इंकार कर दिया।


🏙️ काठमांडू और सीमावर्ती इलाके की स्थिति

  • संसद भवन, राष्ट्रपति आवास, और सिंह दरबार में कर्फ्यू लागू।
  • प्रदर्शनकारियों ने संसद का गेट तोड़ा और दीवार पर चढ़ाई की।
  • भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी।

🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) ने निष्पक्ष जांच की मांग की।
  • अमनेस्टी इंटरनेशनल ने जमीनी बल के उपयोग पर चिंता जताई।

📱 सोशल मीडिया प्रतिबंध से आगे की वजहें

प्रारंभ में सोशल मीडिया प्रतिबंध विरोध का कारण बना, लेकिन असली मुद्दा भ्रष्टाचार और राजनीतिक nepotism था।

“हम भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं,”
युजं राजभण्डारी (24 वर्ष) ने कहा।
वायरल वीडियो में दिखाया गया कि कैसे नेताओं के बच्चे महंगे जीवनशैली का दिखावा कर रहे हैं जबकि आम नागरिक संघर्ष कर रहे हैं।



    🏥 चिकित्सा स्थिति की जानकारी

    कुल 347 घायल हुए:

    • सिविल अस्पताल: 100 इलाजरत, 3 मृत।
    • बिर अस्पताल: 6 इलाजरत।
    • नेशनल ट्रॉमा सेंटर: 59 इलाजरत, 8 मृत।
    • एवरेस्ट अस्पताल: 102 इलाजरत, 3 मृत।
    • पाटन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज: 4 इलाजरत।
    • काठमांडू मेडिकल कॉलेज: 37 इलाजरत, 2 मृत।
    • अन्य अस्पतालों में भी इलाजरत मरीज और मौतें दर्ज हुईं।

    ⚡ नेपाल में अगला क्या होगा?

    प्रदर्शन अभी कुछ हद तक शांत हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री ओली ने सोशल मीडिया प्रतिबंध नहीं हटाने का फैसला किया है।
    देश में अनिश्चितता बरकरार है। जनता का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है और आगे भी आंदोलन जारी रहने की संभावना बनी हुई है।

    Updated: 19 dead, over 300 injured in Gen Z protests nationwide

    By vikas

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