H1B Visa Fee 2025
H1B Visa Fee 2025 has become a hot topic after US President Donald Trump announced a massive hike of $100,000 per applicant. This sudden move is expected to hit Indian tech workers and companies like Microsoft, Amazon, and Meta the hardest, as Indians make up nearly 71% of H1B visa holders worldwide.

24 घंटे की डेडलाइन: माइक्रोसॉफ्ट का आदेश
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने H1-B और H-4 वीज़ा धारक कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने का निर्देश दिया है। कंपनी ने कहा है कि जो कर्मचारी पहले से अमेरिका में हैं, वे बाहर न जाएं। जो भारत या अन्य देशों में छुट्टी पर हैं, उन्हें 21 सितंबर 2025 की समय सीमा से पहले US लौटना होगा।
कारण है – ट्रंप प्रशासन का नया आदेश, जिसके तहत अब प्रत्येक H1B वीज़ा कर्मचारी के लिए कंपनियों को $100,000 (करीब ₹88 लाख) सालाना शुल्क देना होगा।
H1B वीज़ा फीस क्यों बढ़ाई गई?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर 2025 को एक Executive Order पर हस्ताक्षर किए, जिससे अब H1B वीज़ा के लिए भारी शुल्क लागू हो गया।
ट्रंप ने कहा:
- “हमें वर्कर्स चाहिए, लेकिन ऐसे वर्कर्स जो वाकई Highly Skilled हों। यह फीस सुनिश्चित करेगी कि अमेरिकी नौकरियां केवल उन्हीं विदेशी प्रोफेशनल्स को मिलें जिन्हें रिप्लेस नहीं किया जा सकता।”
व्हाइट हाउस स्टाफ सेक्रेटरी विल शार्फ ने कहा कि H1B वीज़ा सिस्टम का लंबे समय से दुरुपयोग होता रहा है। अब यह फीस तय करेगी कि केवल सुपर-स्किल्ड कर्मचारी ही अमेरिका आएं।
भारत पर सबसे ज्यादा असर
भारत लंबे समय से H1B वीज़ा का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है।
- 2024-25 में 71% H1B वीज़ा भारतीयों को मिले, जबकि चीन का हिस्सा सिर्फ 11.7% रहा।
- 2025 की पहली छमाही में Amazon और AWS को 12,000+ H1B वीज़ा, जबकि Microsoft और Meta को 5,000+ वीज़ा मिले।
नई फीस बढ़ने से भारतीय IT सेक्टर और प्रोफेशनल्स को सबसे बड़ा झटका लगेगा।
H1B वीज़ा: क्या है और कैसे काम करता है?
H1B वीज़ा एक अस्थायी अमेरिकी वर्क वीज़ा है, जो कंपनियों को विदेशी प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है।
- यह 1990 में शुरू किया गया था।
- अवधि: 3 साल, अधिकतम 6 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
- आवेदन: USCIS की लॉटरी प्रणाली के जरिए।
- वेतन: H1B धारकों को अमेरिकी कर्मचारियों जैसा ही पे और वर्क कंडीशंस मिलते हैं।
लेकिन अब नई फीस के बाद यह वीज़ा भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए बेहद महंगा हो गया है।
भारतीयों के लिए मुश्किलें
भारतीय प्रोफेशनल्स को अब कई दिक्कतों का सामना करना होगा:
- ग्रीन कार्ड की लंबी वेटिंग लिस्ट – ग्रीन कार्ड पाने में सालों लग सकते हैं। इस दौरान H1B को बार-बार रिन्यू करना होगा।
- हर बार $100,000 फीस – अब हर रिन्यूअल पर कंपनियों को लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना होगा।
- कठिन नागरिकता टेस्ट – ट्रंप प्रशासन ने नागरिकता आवेदन प्रक्रिया भी सख्त कर दी है। अब 128 सवालों के पूल से 20 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें से 12 का सही जवाब देना होगा।
ट्रंप का नया “Gold Card Visa Program”
H1B वीज़ा फीस बढ़ाने के साथ ही ट्रंप ने एक नया Gold Card Visa Program भी लॉन्च किया है।
- व्यक्तिगत आवेदन शुल्क: $1 मिलियन (₹8.3 करोड़)
- बिज़नेस आवेदन शुल्क: $2 मिलियन (₹16.6 करोड़)
इस वीज़ा का उद्देश्य केवल “Extraordinary People” यानी बड़े बिज़नेस और रोजगार पैदा करने वालों को अमेरिका में लाना है।
यूएस कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लटनिक ने कहा:
“ग्रीन कार्ड सिस्टम ने कम आय वाले लोगों को लाकर अमेरिका की इकोनॉमी पर बोझ डाला। Gold Card से अब केवल टॉप लेवल लोग ही आएंगे।”
नतीजा: भारतीय IT सेक्टर पर संकट
H1B वीज़ा फीस 2025 के तहत $100,000 की भारी लागत ने भारत के लाखों IT प्रोफेशनल्स के सपनों को झटका दिया है। माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और अन्य कंपनियां अब तुरंत अपने कर्मचारियों को अमेरिका बुला रही हैं ताकि वीज़ा सुरक्षित रहे।
लेकिन भविष्य में भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना और भी चुनौतीपूर्ण होगा।
FAQs (for SEO Rich Snippets)
Q1: What is the new H1B visa fee in 2025?
A1: The new H1B visa fee is $100,000 annually per applicant, as per Donald Trump’s executive order.
Q2: Why did the US increase H1B visa fees?
A2: The Trump administration raised fees to ensure only highly skilled foreign workers are hired and to protect American jobs.
Q3: How will the H1B visa fee hike impact Indians?
A3: Indians, who account for 71% of H1B visa holders, will be the most affected due to higher costs and longer Green Card wait times.
Q4: What is the Gold Card Visa program introduced by Trump?
A4: It is a new visa program costing $1 million for individuals and $2 million for businesses, aimed at attracting only top-level talent and investors.
Q5: How are tech companies responding to the H1B visa fee hike?
A5: Microsoft has issued a 24-hour deadline for its H1B and H4 employees to return to the US, while Amazon and Meta are also reassessing their workforce strategies.




