Ladakh statehood protest turned violent in Leh and Kargil on September 24, 2025, as demonstrators led by the Leh Apex Body (LAB) and Kargil Democratic Alliance (KDA) clashed with police. Protesters set fire to the BJP office, engaged in stone-pelting, and forced authorities to use teargas to restore law and order. The protest demands full statehood for Ladakh and its inclusion under the Sixth Schedule of the Indian Constitution.
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Ladakh statehood protest
लद्दाख में राज्यhood और छठे अनुसूची (Sixth Schedule) की मांग को लेकर लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के नेतृत्व में बुधवार को प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की, बीजेपी कार्यालय में आग लगाई और सड़कों पर पत्थरबाजी की। यह प्रदर्शन लद्दाख को पूर्ण राज्यhood और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर किया गया था।
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA)
लेह एपेक्स बॉडी (LAB):
- लेह जिले में राजनीतिक, सामाजिक और विकास संबंधी मुद्दों पर काम करने वाली प्रमुख संस्था।
- स्थानीय प्रशासन के फैसलों, विकास परियोजनाओं और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभाती है।
- LAB ने पिछले कई सालों से लद्दाख को राज्यhood और छठे अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA):
- करगिल जिले में नागरिकों और आदिवासी समूहों के अधिकारों के लिए काम करने वाला संगठन।
- KDA केंद्र सरकार के साथ वार्ता करके क्षेत्रीय विकास और राजनीतिक मांगों को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है।
- KDA और LAB मिलकर पूरे लद्दाख में राज्यhood प्रदर्शन का नेतृत्व करते हैं और केंद्र से समयबद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन का कारण
लद्दाख में जारी आंदोलन का मुख्य कारण है:
- राज्यhood की मांग: LAB और KDA का कहना है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, ताकि स्थानीय प्रशासन पर अधिक नियंत्रण और विकास योजनाओं में भागीदारी सुनिश्चित हो।
- छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल करना: आदिवासी और अल्पसंख्यक समूहों के लिए विशेष अधिकार और संरक्षण सुनिश्चित होगा।
- केंद्र सरकार के साथ लंबित वार्ता: LAB और KDA का आरोप है कि केंद्र सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही।
इस कारण 24 सितंबर को लद्दाख में बंद और प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन के दौरान 35 दिन से हंगर स्ट्राइक कर रहे 15 लोग भी शामिल थे।
हिंसक घटनाएँ और पुलिस कार्रवाई
लद्दाख राज्यhood प्रदर्शन के दौरान कई हिंसक दृश्य सामने आए:
- प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया।
- भीड़ ने पत्थरबाजी की, जिस पर पुलिस ने बटन चार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
- पुलिस का कहना है कि इस हिंसा में कोई गंभीर घायल नहीं हुआ।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर पत्थर फेंके, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई आवश्यक थी।
सोनम वांगचुक का बयान
पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक सक्रियक सोनम वांगचुक प्रदर्शन में शामिल थे। उन्होंने हिंसा बढ़ने पर अपना 15-दिन का उपवास समाप्त किया। उन्होंने कहा:
- “हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन लोग अब धैर्य खो रहे हैं।”
- “बीजेपी ने वादा किया था कि लद्दाख को छठे अनुसूची में शामिल किया जाएगा। अगर यह वादा पूरा होता है, लोग मतदान में उनका समर्थन करेंगे।”
- उन्होंने युवाओं से हिंसा रोकने और समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील की।
प्रशासन की कार्रवाई: धारा 163 लागू
हिंसा के मद्देनजर लद्दाख के जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 163 लागू कर दी। इसके तहत:
- पांच से अधिक लोगों का एकत्र होना निषिद्ध।
- किसी भी रैली, जुलूस या मार्च के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य।
- ऐसे बयान जो शांति भंग कर सकते हैं, उन पर प्रतिबंध।
धारा 163 लागू होने से इलाके में कड़ी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र सरकार के साथ आगामी वार्ता
केंद्र और लद्दाख प्रतिनिधिमंडल के बीच अगली वार्ता 6 अक्टूबर 2025 को होगी। इसमें शामिल होंगे:
- लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सदस्य
- करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सदस्य
वार्ता का उद्देश्य छठी अनुसूची और राज्यhood संबंधी प्रस्तावों पर तेजी लाना और लद्दाख में शांति बनाए रखना है।
प्रमुख तथ्य
- लेह और करगिल में LAB और KDA के नेतृत्व में लद्दाख राज्यhood प्रदर्शन।
- बीजेपी कार्यालय और कई वाहन आग के हवाले।
- पुलिस ने आंसू गैस और बटन चार्ज का इस्तेमाल किया।
- धारा 163 लागू, बड़े समूहों और रैलियों पर प्रतिबंध।
- अगली वार्ता 6 अक्टूबर को निर्धारित।
- प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य: लद्दाख को राज्यhood और छठी अनुसूची में शामिल करना।
लद्दाख राज्यhood प्रदर्शन पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1: लद्दाख में राज्यhood प्रदर्शन क्यों हुआ?
A1: प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य लद्दाख को पूर्ण राज्यhood देना और इसे संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल कराना है। प्रदर्शन का नेतृत्व LAB (Leh Apex Body) और KDA (Kargil Democratic Alliance) कर रहे हैं।
Q2: LAB और KDA क्या हैं?
A2:
- LAB (Leh Apex Body): लेह जिले में सामाजिक, राजनीतिक और विकासात्मक मुद्दों पर काम करने वाली प्रमुख संस्था। यह लद्दाख के नागरिकों के अधिकारों और स्थानीय प्रशासन में प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है।
- KDA (Kargil Democratic Alliance): करगिल जिले में नागरिकों और आदिवासी समूहों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाला संगठन। यह केंद्र सरकार से संवाद करके करगिल के विकास और राज्यhood की मांगों को आगे बढ़ाता है।
Q3: प्रदर्शन हिंसक क्यों हुआ?
A3: प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और पुलिस के वाहन क्षतिग्रस्त किए। इसके जवाब में पुलिस ने बटन चार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शन में बीजेपी कार्यालय में आग भी लगाई गई।
Q4: धारा 163 क्यों लागू की गई?
A4: लद्दाख जिला प्रशासन ने हिंसा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू की। इसके तहत पांच से अधिक लोगों का एकत्र होना, रैलियों और जुलूस का आयोजन बिना अनुमति निषिद्ध है।
Q5: केंद्र सरकार से अगली वार्ता कब होगी?
A5: केंद्र सरकार और लद्दाख प्रतिनिधिमंडल (LAB और KDA के सदस्य) के बीच अगली वार्ता 6 अक्टूबर 2025 को होगी। वार्ता का उद्देश्य राज्यhood और छठी अनुसूची पर बातचीत करना है।
Q6: प्रदर्शनकारियों में सोनम वांगचुक शामिल थे क्या?
A6: हाँ, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी प्रदर्शन का हिस्सा थे। उन्होंने हिंसा बढ़ने के बाद अपना 15-दिन का उपवास समाप्त किया और शांति बनाए रखने की अपील की।
Q7: इस प्रदर्शन का असर क्या हुआ?
A7: प्रदर्शन में पुलिस और युवाओं के बीच झड़प हुई, बीजेपी कार्यालय में आग लगी, वाहन क्षतिग्रस्त हुए और शहर में शांति बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू की गई।




