देशव्यापी मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा आज: चुनाव आयोग करेगा पहले चरण की शुरुआत

Election Commission of India SIR 2025

Election Commission of India SIR 2025 — आज (27 अक्टूबर 2025) चुनाव आयोग ने देशव्यापी Special Intensive Revision (SIR) की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलायी है। यह कदम मतदाता सूचियों को अपडेट और साफ़-सुथरा करने की दिशा में बड़ा और निर्णायक प्रयास माना जा रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक पहले चरण में लगभग 10-15 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे, जिनमें तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे चुनाव-प्रवर्तित क्षेत्र भी शामिल हैं।

Election Commission of India SIR 2025 voter list revision news

🔷 चुनाव आयोग आज करेगा बड़ी घोषणा


भारतीय चुनाव आयोग (ECI) आज शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रहा है, जिसमें देशव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की पहली चरण की तारीखों की घोषणा की जाएगी।
यह निर्णय भारत की मतदाता सूचियों को और अधिक सटीक, पारदर्शी और त्रुटि-मुक्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में 10 से 15 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे। इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल हैं — जहां वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।


🔷 दो दशक बाद हो रहा है गहन मतदाता पुनरीक्षण

जानकारी के मुताबिक, भारत में इस तरह का देशव्यापी मतदाता सूची पुनरीक्षण लगभग 20 साल बाद किया जा रहा है।
इस बार आयोग का उद्देश्य केवल नए मतदाताओं को जोड़ना नहीं, बल्कि डुप्लीकेट नाम, मृतक, स्थानांतरित मतदाताओं और अवैध प्रवासियों के नामों को हटाकर एक स्वच्छ मतदाता सूची तैयार करना है।


🔷 किन राज्यों को पहले चरण से बाहर रखा गया

सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में कुछ राज्यों को बाहर रखा गया है, जिनमें —

  • महाराष्ट्र (जहां जनवरी 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं),
  • जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और लद्दाख (जहां सर्दियों में बर्फबारी के कारण प्रक्रिया कठिन है)।

इन राज्यों में SIR की प्रक्रिया बाद के चरणों में आयोजित की जाएगी।


🔷 चुनाव आयोग की तैयारी: CEO कॉन्फ्रेंस में हुई समीक्षा

हाल ही में नई दिल्ली में 22-23 अक्टूबर 2025 को दो दिवसीय मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (Chief Electoral Officers – CEOs) की बैठक हुई थी।
इस बैठक में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा की।

आयोग ने यह आकलन किया कि राज्यों ने अपने वर्तमान मतदाताओं को पिछले गहन पुनरीक्षण (SIR) के साथ कितनी अच्छी तरह मैप (mapping) किया है।
सूत्रों के अनुसार, अब तक 50% से 70% मतदाताओं का डेटा पुराने रिकॉर्ड से लिंक हो चुका है।


🔷 SIR की प्रक्रिया: कब और कैसे होगी

बिहार में अपनाए गए मॉडल के अनुसार, SIR की पूरी प्रक्रिया लगभग तीन महीने तक चलेगी।
यदि वही शेड्यूल अपनाया जाता है, तो —

  • नामांकन या पंजीकरण प्रक्रिया: 1 नवंबर 2025 से शुरू होगी।
  • दावे और आपत्तियाँ निपटाने की अंतिम तिथि: जनवरी 2026 के मध्य तक।
  • अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में होगा।

मतदाता को अपने नाम की पुष्टि या नया नाम जोड़ने के लिए पंजीकरण फॉर्म पर हस्ताक्षर करना होगा और आवश्यक होने पर पात्रता के दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे।


🔷 कौन से दस्तावेज़ मान्य होंगे

ECI के अनुसार, SIR में पहचान और पात्रता साबित करने के लिए वही दस्तावेज़ स्वीकार किए जाएंगे जो बिहार में अपनाए गए थे।
यह सूची संकेतात्मक (indicative) होगी, यानी आयोग अन्य उपयुक्त प्रमाण भी स्वीकार कर सकता है।

  • आधार कार्ड: केवल पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
  • आयु, निवास और नागरिकता प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, राशन कार्ड आदि।

🔷 तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का आरोप

SIR की घोषणा से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि “BJP मतदाता सूची से गरीब, अल्पसंख्यक, महिलाएं और अनुसूचित जाति के मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश रच रही है।”

स्टालिन ने यह भी दावा किया कि बिहार में SIR के दौरान लगभग 65 लाख मतदाता अपने मतदान अधिकार से वंचित रह गए थे।
उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहें।


🔷 EC की प्रतिक्रिया: पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

हालांकि चुनाव आयोग ने किसी राजनीतिक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस बार प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जाएगा।

पहली बार SIR की घोषणा लिखित आदेश की बजाय प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जा रही है, ताकि मीडिया और जनता सीधे सवाल पूछ सकें और किसी भी शंका का समाधान मौके पर ही हो सके।


🔷 तकनीकी नवाचार और डिजिटल सत्यापन

ECI ने इस बार सभी राज्यों की मतदाता सूचियों को डिजिटाइज (digitized) कर दिया है।
वोटर लिस्ट को पुराने SIR डेटा से मैप किया गया है ताकि डुप्लीकेट प्रविष्टियों की पहचान की जा सके।

इसके अलावा —

  • बूथ लेवल ऑफिसरों (BLOs) को नए सिरे से प्रशिक्षित किया गया है।
  • सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया गया है कि वे पर्याप्त संख्या में बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करें।
  • एक नया डिजिटल पोर्टल और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जा सकता है, जिससे मतदाता अपने नाम की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे।

🔷 SIR क्यों ज़रूरी है?

भारत में हर वर्ष लाखों नए मतदाता 18 वर्ष की आयु पूरी करते हैं, जबकि लाखों लोग अपने निवास स्थान बदलते हैं।
ऐसे में मतदाता सूची को अपडेट रखना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।

SIR का मुख्य उद्देश्य है:

  • मृत या डुप्लीकेट नामों को हटाना,
  • नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना,
  • और यह सुनिश्चित करना कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो

🔷 निष्कर्ष

27 अक्टूबर 2025 को होने वाली चुनाव आयोग की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।
SIR के ज़रिए न केवल मतदाता सूची को स्वच्छ बनाया जाएगा, बल्कि डिजिटल सत्यापन और पारदर्शिता के माध्यम से चुनावी प्रणाली में जनता का भरोसा और मजबूत होगा।

आगामी महीनों में यह प्रक्रिया देशभर में चरणबद्ध रूप से लागू होगी, और उम्मीद की जा रही है कि फरवरी 2026 तक भारत के पास एक अधिक सटीक, पारदर्शी और डिजिटल मतदाता सूची होगी।

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