
दो साल बाद गाज़ा में शांति की किरण
मध्य-पूर्व (West Asia) में पिछले दो वर्षों से जारी इज़राइल-हमास युद्ध ने लाखों लोगों की जान ली और गाज़ा को खंडहर में बदल दिया। लेकिन अब उम्मीद की एक नई किरण उभरी है।
13 अक्टूबर 2025 को मिस्र के शर्म अल-शेख (Sharm El Sheikh) में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए — जिसे “Gaza Declaration 2025” कहा जा रहा है।
इस समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, क़तर के अमीर, और तुर्की के राष्ट्रपति ने बतौर guarantors हस्ताक्षर किए।
यह समझौता गाज़ा में दो साल से चल रहे खूनी युद्ध को समाप्त करने का संकेत है।
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डोनाल्ड ट्रम्प का ऐतिहासिक बयान
समझौते के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे “A tremendous day for the Middle East” कहा।
उन्होंने इज़राइल में उतरते ही कहा —
“यह एक नया आरंभ है, गाज़ा युद्ध अब समाप्त हो गया है।”
ट्रम्प ने अपने भाषण में बताया कि इस शांति योजना के 20 चरण हैं, जिनमें से पहला चरण hostage-prisoner exchange का सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
बंधक और कैदियों की अदला-बदली: मानवीय पहलू
इस समझौते के तहत हमास ने 20 बचे हुए जीवित बंधकों को रिहा किया, जिन्हें उसने 2023 से कैद कर रखा था।
इसके बदले में इज़राइल ने 1,968 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
इनमें से लगभग 250 कैदी सुरक्षा मामलों में दोषी थे, जबकि बाकी 1,700 कैदी गाज़ा युद्ध के दौरान पकड़े गए थे।
इज़राइल ने कहा कि वह 27 मरे हुए बंधकों के शव भी प्राप्त करेगा, जिनमें एक सैनिक का शव भी शामिल है जो 2014 के संघर्ष में मारा गया था।
पुनर्मिलन के भावनात्मक दृश्य
गाज़ा और इज़राइल दोनों तरफ़ भावनात्मक दृश्य देखने को मिले।
इज़राइल में जब बंधक अपने परिवारों से मिले तो लोगों की आँखों में आँसू थे, तो वहीं गाज़ा और वेस्ट बैंक में रिहा हुए फ़िलिस्तीनी कैदियों का स्वागत झंडों और नारों से किया गया।
एक महिला ने कहा —
“दो साल बाद मेरा बेटा लौट आया, अब मेरा दिल सुकून में है।”
वहीं, एक पूर्व बंधक ने कहा —
“मेरे साथी के लौटने की उम्मीद ही मुझे जिंदा रखे हुए थी।”
🏛️ शर्म अल-शेख सम्मेलन: 20 देशों की भागीदारी
ट्रम्प ने इज़राइल की संसद (Knesset) को संबोधित करने के बाद शर्म अल-शेख सम्मेलन में भाग लिया।
यहाँ 20 से अधिक देशों के नेता मौजूद थे, जिनमें शामिल थे —
- मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर
- क़तर और तुर्की के नेता
- पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, जिन्हें “Board of Peace” का प्रमुख बनाया गया है।
सम्मेलन के मंच पर “Peace in the Middle East” का बड़ा बैनर लगा था — जो इतिहास में दर्ज होने वाला क्षण था।
📜 Gaza Declaration 2025 में क्या है?
Gaza Declaration 2025 एक विस्तृत दस्तावेज़ है जो शांति बनाए रखने के नियम और दिशानिर्देश तय करता है।
इसमें मुख्यतः निम्न बिंदु शामिल हैं —
- Ceasefire की स्थायित्व की गारंटी — सभी पक्ष किसी भी प्रकार की हिंसा से बचेंगे।
- Hostage-Prisoner Exchange — सभी बचे हुए बंधकों की रिहाई और कैदियों की वापसी।
- Humanitarian Aid बढ़ाना — गाज़ा में राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति।
- Transitional Governance Setup — गाज़ा का अस्थायी प्रशासन एक Board of Peace द्वारा संचालित होगा।
- Future Governance — सुधारों के बाद प्रशासन Palestinian Authority (PA) को सौंपा जाएगा।
- Infrastructure Rebuilding — संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की मदद से पुनर्निर्माण।
🕋 मिस्र और क़तर की मध्यस्थता
मध्य-पूर्व की राजनीति में मिस्र और क़तर ने बेहद अहम भूमिका निभाई।
मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी ने कहा —
“राष्ट्रपति ट्रम्प ही हमारे क्षेत्र में शांति लाने की अंतिम आशा हैं।”
क़तर और तुर्की ने भी हमास को समझौते में शामिल करने के लिए गुप्त वार्ता की भूमिका निभाई।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया: पीएम मोदी का बयान
भारत ने इस ऐतिहासिक समझौते का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा —
“हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयासों का समर्थन करते हैं।
गाज़ा में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि है।”
भारत ने यह भी संकेत दिया कि वह गाज़ा के पुनर्निर्माण में तकनीकी और मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है।
💣 युद्ध का इतिहास: कहाँ से शुरू हुआ यह संघर्ष?
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ जब हमास ने इज़राइल पर अचानक हमला किया।
इस हमले में 1,219 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश नागरिक थे, और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया।
इसके बाद इज़राइल ने गाज़ा पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप —
- 67,000 से अधिक लोगों की मौत हुई (गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार)
- 90% से अधिक आवासीय इमारतें ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हो गईं
- लाखों लोग विस्थापित हुए
संयुक्त राष्ट्र ने इसे 21वीं सदी के सबसे भीषण मानवीय संकटों में से एक बताया।
🧩 भविष्य की चुनौतियाँ
हालाँकि युद्धविराम ने उम्मीद जगाई है, लेकिन आगे का रास्ता आसान नहीं है।
कई विवादास्पद मुद्दे अब भी शेष हैं —
- हमास का निरस्त्रीकरण (Disarmament) — हमास ने साफ कहा है कि वह तब तक हथियार नहीं छोड़ेगा जब तक एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य स्थापित नहीं होता।
- इज़राइली सेनाओं की वापसी — इज़राइल ने अभी तक पूर्ण वापसी की प्रतिबद्धता नहीं जताई है।
- गाज़ा की शासन व्यवस्था — क्या “Board of Peace” या “Palestinian Authority” गाज़ा का शासन संभालेगा, यह विवाद का विषय है।
- राजनैतिक मान्यता — कई पश्चिमी देशों ने अब तक फ़िलिस्तीन को पूर्ण राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है।
🕯️ मानवीय असर और पुनर्निर्माण की राह
गाज़ा की स्थिति अभी भी भयावह है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाज़ा की 9 में से 10 इमारतें पूरी या आंशिक रूप से नष्ट हो चुकी हैं।
बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएँ पूरी तरह ध्वस्त हैं।
अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सबसे बड़ी चुनौती है —
“गाज़ा का पुनर्निर्माण और स्थायी शांति।”
ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा की है कि वह “Gaza Rebuild Fund” बनाएगा जिसमें अमेरिका, यूरोप और अरब देशों का योगदान होगा।
🌍 विश्व प्रतिक्रियाएँ
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे “दशकों में पहली ठोस शांति पहल” बताया।
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा — “हम अब एक ऐसे मध्य-पूर्व को देख रहे हैं जहाँ उम्मीद जिंदा है।”
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बयान जारी करते हुए कहा —
“Gaza Declaration 2025 अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों की एक मील का पत्थर है।”
⚖️ आलोचना और संदेह
जहाँ कई देश इस समझौते की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इसे “राजनैतिक प्रदर्शन” बताया है।
कुछ विश्लेषकों के अनुसार, जब तक हमास और इज़राइल दोनों “विश्वास और सहयोग” की भावना नहीं अपनाते, तब तक शांति अस्थायी ही रहेगी।
🕊️ निष्कर्ष: एक नया सवेरा, लेकिन राह लंबी है
Gaza Declaration 2025 केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि लाखों लोगों की उम्मीदों का प्रतीक है।
डोनाल्ड ट्रम्प का यह कदम उन्हें एक बार फिर “शांति के निर्माता” के रूप में स्थापित कर सकता है, लेकिन वास्तविक सफलता तभी होगी जब गाज़ा में स्थायी शांति, पुनर्निर्माण और मानवता का पुनर्जागरण होगा।
“यह केवल युद्ध का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।”




