
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर NDA Bihar Seat Sharing 2025 पर आखिरकार मुहर लग गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JD(U)) दोनों ही 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं। यह फैसला रविवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया गया।
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🔶 NDA Bihar Seat Sharing 2025: सीटों का पूरा बंटवारा
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): 101 सीटें
- जनता दल (यूनाइटेड) JD(U): 101 सीटें
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) LJP(RV): 29 सीटें
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) HAM(S): 6 सीटें
- राष्ट्रवादी लोक मोर्चा (RLM): 6 सीटें
इस तरह कुल मिलाकर 243 विधानसभा सीटों का बंटवारा NDA के घटक दलों के बीच “सौहार्दपूर्ण तरीके” से किया गया है।
🔷 NDA Bihar Seat Sharing 2025 की घोषणा कैसे हुई
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो कि बिहार चुनाव प्रभारी हैं, ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि “NDA Bihar Seat Sharing 2025 की प्रक्रिया बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में पूरी हुई है। सभी दल इस फैसले से खुश हैं और बिहार NDA एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, और एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान की साझा तस्वीर इस घोषणा के साथ वायरल हुई।
🔶 NDA Bihar Seat Sharing 2025 में संतुलन और नया समीकरण
2020 के विधानसभा चुनावों में JD(U) ने 115 और BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार दोनों को समान 101-101 सीटें दी गई हैं।
इससे साफ है कि NDA में अब राजनीतिक संतुलन का पुनर्गठन हुआ है, जहाँ BJP और JD(U) बराबर की स्थिति में हैं।
वहीं, चिराग पासवान की पार्टी LJP (रामविलास) को 29 सीटें मिलने से उन्हें गठबंधन में सम्मानजनक स्थान मिला है। हालांकि उन्होंने शुरुआत में 40 से ज्यादा सीटों की मांग की थी।
🔷 चिराग पासवान की मांग और राजनीतिक रणनीति
NDA Bihar Seat Sharing 2025 को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा चिराग पासवान की मांग को लेकर रही।
उन्होंने यह तर्क दिया था कि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सभी 5 सीटें जीती थीं, इसलिए विधानसभा में भी उनकी हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए।
उन्होंने NDA नेतृत्व से कहा था कि हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो विधानसभा सीटें LJP (RV) को दी जाएं।
हालांकि BJP शुरुआत में केवल 25 सीटें देने को तैयार थी। लेकिन कई बैठकों के बाद धर्मेंद्र प्रधान और BJP नेतृत्व के समझाने पर चिराग पासवान ने सहमति जताई।
🔶 NDA Bihar Seat Sharing 2025 का राजनीतिक महत्व
इस सीट बंटवारे से बिहार में कई राजनीतिक संदेश गए हैं:
- BJP और JD(U) में बराबरी का संदेश:
 इससे यह संकेत गया कि NDA में अब दोनों दल बराबर भागीदार हैं।
- चिराग पासवान की वापसी:
 2020 में अलग लड़ने के बाद अब चिराग NDA में मजबूत स्थिति में लौटे हैं।
- छोटे दलों की भूमिका:
 Jitan Ram Manjhi की HAM(S) और Upendra Kushwaha की RLM को 6-6 सीटें देकर NDA ने जातीय संतुलन बनाए रखा है।
- महागठबंधन पर दबाव:
 अब नजर विपक्षी गठबंधन RJD-Congress पर है, जो अपनी सीटों पर अंतिम निर्णय नहीं ले पाया है।
🔷 2020 बनाम 2025: NDA में हुआ बदलाव
| वर्ष | BJP सीटें | JD(U) सीटें | LJP सीटें | अन्य NDA दल | 
|---|---|---|---|---|
| 2020 | 110 | 115 | स्वतंत्र | HAM, VIP आदि | 
| 2025 | 101 | 101 | 29 | HAM, RLM (6-6) | 
इस तुलना से साफ है कि NDA ने इस बार संतुलित बंटवारा करने की कोशिश की है।
Focus Keyword: NDA Bihar Seat Sharing 2025
🔶 NDA Bihar Seat Sharing 2025 पर नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
- धर्मेंद्र प्रधान: “सभी NDA सहयोगी दल खुश हैं, और बिहार NDA एक बार फिर बहुमत की सरकार बनाएगा।”
- चिराग पासवान: “मैं प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी पार्टी की ताकत को पहचाना।”
- नीतीश कुमार: “NDA परिवार एकजुट है। बिहार विकास के रास्ते पर है।”
- सम्राट चौधरी: “BJP और JD(U) का तालमेल मजबूत रहेगा, और हम हर सीट पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”
🔷 महागठबंधन की स्थिति और देरी
जबकि NDA ने अपना seat sharing plan घोषित कर दिया है, वहीं महागठबंधन (RJD-Congress-Left) में अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
जयराम रमेश ने कहा, “हमारे कुछ नए साझेदार हैं जिनको एडजस्ट करना है। दो-तीन दिनों में सीट बंटवारा फाइनल हो जाएगा।”
कांग्रेस ने 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटें जीती थीं, जबकि RJD ने 144 सीटों पर लड़कर 75 सीटें हासिल की थीं।
इस बार सीटों का वितरण RJD की अगुवाई में होगा।
🔶 NDA Bihar Seat Sharing 2025 और जातीय समीकरण
बिहार की राजनीति हमेशा जातीय गणित पर आधारित रही है।
NDA Bihar Seat Sharing 2025 में इस संतुलन का पूरा ध्यान रखा गया है —
- BJP को शहरी और व्यापारी वर्ग की सीटें,
- JD(U) को ग्रामीण और पिछड़ा वर्ग क्षेत्र,
- LJP (RV) को दलित बहुल सीटें,
- HAM और RLM को अति पिछड़ा वर्ग की सीटें दी गई हैं।
इससे NDA ने हर सामाजिक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
🔷 NDA Bihar Seat Sharing 2025 का चुनावी असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सीट बंटवारा NDA की एकता और संतुलन का प्रतीक है।
BJP और JD(U) दोनों बराबर सीटों पर लड़ेंगे, जिससे किसी भी दल को वर्चस्व का डर नहीं रहेगा।
वहीं, चिराग पासवान की पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी देकर दलित वोट बैंक को मजबूत किया गया है।
🔶 भविष्य की रणनीति और प्रचार अभियान
NDA ने तय किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संयुक्त रैलियों से प्रचार अभियान की शुरुआत होगी।
BJP और JD(U) कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे हर विधानसभा क्षेत्र में संयुक्त रूप से बूथ स्तर तक पहुंचें।
NDA का नारा होगा —
👉 “विकास का साथ, NDA के हाथ”
👉 “बिहार फिर NDA सरकार”
🔷 NDA Bihar Seat Sharing 2025 पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
राजद (RJD) ने NDA के इस बंटवारे पर तंज कसते हुए कहा कि,
“अब BJP और JD(U) के पास जनता को दिखाने के लिए कोई काम नहीं बचा है, इसलिए सीटें बराबर कर लीं।”
कांग्रेस ने कहा कि NDA का यह समझौता “मजबूरी में किया गया गठबंधन” है, क्योंकि दलों में अंदरूनी मतभेद हैं।
हालांकि NDA नेताओं का कहना है कि यह “मजबूत एकता” का प्रतीक है, मतभेदों का नहीं।
🔶 चिराग पासवान की भूमिका NDA Bihar Seat Sharing 2025 में
चिराग पासवान अब NDA में सिर्फ सहयोगी नहीं बल्कि एक निर्णायक चेहरा बन चुके हैं।
उनकी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था —
5 में से 5 सीटें जीतकर उन्होंने साबित किया कि दलित और युवा वोट बैंक अब LJP के साथ है।
इस बार NDA ने उनकी ताकत को स्वीकार किया है और 29 सीटें देकर उन्हें मुख्यधारा में लाया गया है।
Focus Keyword: NDA Bihar Seat Sharing 2025
🔷 निष्कर्ष: NDA Bihar Seat Sharing 2025 से क्या निकला संदेश
NDA Bihar Seat Sharing 2025 केवल सीटों का बंटवारा नहीं है, बल्कि यह बिहार की सत्ता संतुलन की नई परिभाषा है।
BJP और JD(U) के बीच समान सीटें देकर NDA ने दिखाया है कि गठबंधन अब समान भागीदारी और साझा नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगा।
चिराग पासवान की मजबूती, नीतीश कुमार की अनुभवशीलता, और मोदी फैक्टर के साथ NDA एक बार फिर बिहार में सत्ता की दौड़ में अग्रणी दिखाई दे रहा है।
अब निगाहें इस पर हैं कि महागठबंधन क्या रणनीति अपनाता है और क्या वह NDA की एकजुटता को चुनौती दे पाता है या नहीं।
 
				 
															



