Operation Sindoor: पीएम मोदी के ऐतिहासिक भाषण में भारत की नई सैन्य नीति का ऐलान | Operation Sindoor Full Speech


PM Modi addressing Parliament about Operation Sindoor and India's military strike on Pakistan

Operation Sindoor— सिर्फ जवाब नहीं, एक नया भारत

29 जुलाई 2025 को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा ऐतिहासिक भाषण दिया जिसने भारत की सुरक्षा नीति को स्पष्ट रूप से नए युग में प्रवेश कराया। यह भाषण केवल एक सैन्य कार्रवाई का विवरण नहीं था, बल्कि यह भारत की बदली हुई रणनीति, आत्मविश्वास और वैश्विक स्थिति का प्रमाण था।

Operation Sindoor , जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाया, न सिर्फ सफल रहा बल्कि भारत की शक्ति और संयम दोनों का उदाहरण बन गया।


Operation Sindoor: 22 मिनट की कार्रवाई, दुश्मन के होश उड़ाए

प्रधानमंत्री मोदी ने खुलासा किया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की पूरी तैयारी कर ली थी।
इस हमले में हमारे 9 वीर जवान शहीद हो गए थे, और देश की जनता में आक्रोश था।

6 मई से 10 मई के बीच, भारत ने पाकिस्तान के भीतर चल रहे आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों पर हमला किया:

  • बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय।
  • मुर्द और जालोचक जैसे आतंकी अड्डे।
  • भारी संख्या में आतंकियों का खात्मा।

“हमारे जवानों ने 22 मिनट में वह काम कर दिखाया जो पहले सालों तक टलता था।” — पीएम मोदी


न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी

प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की “न्यूक्लियर धमकियों” को लेकर भी दो टूक कहा कि अब यह डर दिखाने की नीति काम नहीं आएगी।

“भारत अब वह नहीं रहा जो धमकी से डर जाए। अगर कोई न्यूक्लियर बटन की बात करेगा, तो याद रखे कि हमारे पास भी बटन है — और वह खराब नहीं है।”

यह बयान देश की रक्षा नीति में बदलाव का संकेत था, जिसमें आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वाली सरकारों में अब कोई फर्क नहीं किया जाएगा।


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मेड इन इंडिया हथियारों की ताकत का प्रदर्शन

पीएम मोदी ने बताया कि Operation Sindoorमें 100% स्वदेशी तकनीक और उपकरणों का प्रयोग किया गया:

  • मेड इन इंडिया ड्रोन सिस्टम
  • स्वदेशी लॉन्ग रेंज मिसाइल
  • भारत निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम

एयर डिफेंस सिस्टम की सफलता:

  • पाकिस्तान की ओर से भेजे गए 1000 ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय एयर डिफेंस ने हवा में ही मार गिराया।
  • यह ऑपरेशन “शक्ति के साथ संयम” का उदाहरण बना।

पहली बार तीनों सेनाओं ने किया संयुक्त अभियान

भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि थल, वायु और नौसेना ने एक साथ संयुक्त अभियान चलाया।
यह दर्शाता है कि अब भारत “थ्री-फोर्स कोऑर्डिनेशन” में दुनिया की अग्रणी सेनाओं में शामिल हो चुका है।


वैश्विक समर्थन: भारत का कूटनीतिक वर्चस्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब Operation Sindoor की कार्रवाई हुई, तब दुनिया ने भारत का साथ दिया।

  • संयुक्त राष्ट्र में 193 देशों में से 119 ने भारत का समर्थन किया।
  • केवल 3 देश पाकिस्तान के पक्ष में खड़े हुए, जो खुद अलग-थलग पड़ गए।
  • अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिक्स जैसे प्रमुख देशों ने भारत की कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कदम बताया।

“आज भारत की बात दुनिया सुनती है, मानती है और सर झुका कर समर्थन देती है।” — पीएम मोदी


विपक्ष पर तीखा हमला: “आपका विरोध देश के खिलाफ मत बनाइए”

प्रधानमंत्री ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, और अब ऑपरेशन सिंदूर — हर बार विपक्ष ने सेना की बहादुरी पर सवाल उठाए।

कांग्रेस पर विशेष आरोप:

  • हर बार सबूत मांगा गया।
  • जवानों की शहादत का अपमान किया गया।
  • सेना की कार्रवाई को राजनीति में घसीटा गया।

“कांग्रेस को कोई न कोई बहाना चाहिए सरकार का विरोध करने का, लेकिन विरोध ऐसा मत करिए जो सेना का मनोबल गिराए।”


🛠️ आत्मनिर्भर भारत: रक्षा क्षेत्र में क्रांति

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं:

आंकड़ों के अनुसार:

  • रक्षा बजट 2014 की तुलना में 3 गुना बढ़ा।
  • रक्षा उत्पादन में 250% की वृद्धि
  • रक्षा निर्यात में 30 गुना उछाल

प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप्स को बढ़ावा:

  • पहले रक्षा केवल सरकारी उपक्रमों तक सीमित थी।
  • अब 400+ स्टार्टअप्स रक्षा टेक्नोलॉजी में काम कर रहे हैं।
  • रडार, नाइट विजन, मिसाइल सिस्टम, ड्रोन — सब कुछ भारत में बन रहा है।

ऐतिहासिक भूलें और उनसे सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व कांग्रेस सरकारों की कूटनीतिक भूलों का जिक्र करते हुए कहा कि:

  • 1948: भारतीय सेना हाजीपीर पास तक पहुंच चुकी थी, लेकिन नेहरू जी ने युद्धविराम करवा दिया।
  • 1965: लाल बहादुर शास्त्री जी की जीत को भी ताशकंद में समझौते से पीछे हटाया गया।
  • 1971: पाकिस्तान टूट रहा था, लेकिन 90,000 कैदियों को बिना शर्त लौटाया गया — पीओके की मांग नहीं की।

“ये भूलें इतिहास में भारत की ताकत को बार-बार कम करती रहीं, लेकिन अब भारत खुद को कमजोर नहीं दिखाएगा।”


भारत की नई नीति: हम तय करेंगे लड़ाई की जगह और समय

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि:

“अब हम अपने समय और अपने तरीके से जवाब देंगे। आतंक फैलाने वालों और उन्हें पनाह देने वालों को एक ही नजर से देखा जाएगा।”


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अब शक्ति और शांति दोनों में अग्रणी है

प्रधानमंत्री के पूरे भाषण का सार यही था कि भारत अब अपनी सुरक्षा नीति को केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि पहले से तैयारी कर जवाब देगा।

🔚 उनके शब्दों में:

हम बुद्ध के अनुयायी हैं, युद्ध नहीं चाहते। लेकिन जब शांति का मार्ग शक्ति से निकलता है, तो भारत पीछे नहीं हटेगा।”