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Rahul Gandhi vote fraud allegations have sparked a major political storm in India. In a fiery press conference on September 18, 2025, the Congress leader accused the Election Commission of blocking a probe into Karnataka’s Aland voter deletions, presenting what he called “explosive evidence” of large-scale Vote Chori.

Rahul Gandhi vote fraud allegations
भारत की राजनीति में गुरुवार, 18 सितंबर 2025 का दिन बेहद हलचल भरा रहा। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (ECI) बड़े पैमाने पर वोटर डिलीशन की जांच रोक रहा है। उन्होंने कर्नाटक के Aland विधानसभा क्षेत्र से जुड़े सबूत भी पेश किए और कहा कि “जल्द ही वे वोट चोरी पर ‘हाइड्रोजन बम’ जैसे खुलासे करेंगे।”
यह मामला न केवल कर्नाटक बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन गया है।
राहुल गांधी के आरोप | Vote Chori का सबूत
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले Aland सीट पर 6,018 वोटर नाम सॉफ्टवेयर फ्रॉड के जरिए हटाए गए।
उन्होंने तीन उदाहरण दिए —
- Godabai
- Suryakant
- Nagaraj
इन नामों का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि ये वास्तविक मतदाता थे लेकिन फर्जी आवेदन डालकर उनका नाम हटाने का प्रयास किया गया।
राहुल गांधी का आरोप है कि —
- कर्नाटक CID ने पिछले 18 महीनों में 18 बार चुनाव आयोग से तकनीकी डिटेल (IP Logs, Device Ports, OTP Trails) मांगी।
- लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया।
- अगर ये 6,018 वोट हट जाते तो कांग्रेस उम्मीदवार हार सकते थे।
प्रियंका गांधी का हमला BJP और EC पर
राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा भी खुलकर सामने आईं। उन्होंने कहा कि —
“जब चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी ने खुद FIR दर्ज की और irregularities को स्वीकार किया, तो जांच क्यों रोकी जा रही है? कर्नाटक CID को 18 महीने में 18 चिट्ठियां लिखनी पड़ीं, लेकिन ECI ने कोई जानकारी नहीं दी। चुनाव आयोग आखिर किसे बचाना चाहता है?”
प्रियंका ने यह बयान X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा और चुनाव आयोग दोनों पर हमला बोला।
सिद्धारमैया का बयान: लोकतंत्र खतरे में
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मुद्दे को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कोई isolated घटना नहीं है बल्कि सिस्टमेटिक और सेंट्रलाइज्ड तरीके से वोट चोरी की साजिश है।
उनकी मांग:
- एक सप्ताह के भीतर चुनाव आयोग सभी तकनीकी डिटेल CID को सौंपे।
- वरना आयोग लोकतंत्र को नष्ट करने वालों की ढाल साबित होगा।
DK शिवकुमार का समर्थन
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया और कहा कि —
“जो राहुल गांधी कह रहे हैं, वह 200% सही है। यह सिर्फ कर्नाटक नहीं, पूरे देश में हो रहा है। चुनाव आयोग राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है।”
विपक्षी नेताओं का समर्थन
राहुल गांधी के आरोपों को सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी समर्थन दिया।
- AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में भी AAP वोटर हटाकर BJP वोटर जोड़े गए।
- NCP की सुप्रिया सुले बोलीं कि यह डेटा आधारित आरोप हैं, चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए।
- CPI महासचिव डी. राजा ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, उनके आरोपों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
- सुपरस्टार और राज्यसभा सांसद कमल हासन ने कहा कि अगर आरोप झूठे हैं तो चुनाव आयोग को साबित करना चाहिए।
कांग्रेस की ओर से सबूत जारी
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कर्नाटक CEO के लेटर और CID की चिट्ठियों को सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा:
- CID ने बार-बार डेटा मांगा लेकिन ECI ने रोक दिया।
- यह साफ सबूत है कि चुनाव आयोग जांच को रोककर “Vote Chors” की रक्षा कर रहा है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
ECI ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेसलेस” (निराधार) बताया और कहा कि —
- 2023 में Aland सीट पर वोटर डिलीशन के असफल प्रयास जरूर हुए थे।
- चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी ने खुद FIR दर्ज की थी।
- किसी भी वोट को बिना नोटिस और सुनवाई के नहीं हटाया जा सकता।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर फैक्ट-चेक पोस्ट कर राहुल गांधी के दावों का खंडन किया।
भाजपा का पलटवार
BJP नेताओं ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि —
- अनुराग ठाकुर: “राहुल गांधी ने राजनीति को केवल आरोपों का गहना बना लिया है। कांग्रेस उनके नेतृत्व में 90 चुनाव हार चुकी है।”
- BJP का तर्क है कि राहुल गांधी हर बार आरोप लगाते हैं, लेकिन अदालतों में माफी मांगते हैं।
- अनुराग ठाकुर ने तंज कसा कि राहुल का “हाइड्रोजन बम” सिर्फ एक “फुलझड़ी” साबित हुआ।
Karnataka के Aland सीट का इतिहास
- 2018 चुनाव: BJP के सुबध गुट्टेदार ने जीत दर्ज की।
- 2023 चुनाव: कांग्रेस के BR पाटिल विजेता रहे।
- BR पाटिल ने आरोप लगाया कि सिर्फ कांग्रेस समर्थक वोटर हटाए गए।
मामला क्यों है अहम?
- लोकतंत्र पर सीधा सवाल – अगर वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ हुई है तो यह जनता के वोटिंग राइट पर हमला है।
- चुनाव आयोग की विश्वसनीयता – एक संवैधानिक संस्था की निष्पक्षता पर सवाल।
- राजनीतिक असर – विपक्ष को मोदी सरकार और BJP के खिलाफ नया हथियार मिला।
- 2029 आम चुनाव की पृष्ठभूमि – वोटर डिलीशन/ऐडिशन मुद्दा बड़ा चुनावी एजेंडा बन सकता है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ आरोप अब राष्ट्रीय बहस बन चुका है। एक ओर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठा रही हैं, वहीं BJP और चुनाव आयोग इसे निराधार बता रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि राहुल गांधी जिस “हाइड्रोजन बम” का जिक्र कर रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई निकलती है और क्या चुनाव आयोग अपनी पारदर्शिता साबित कर पाता है या नहीं।




