Uparashtrapati Chunav 2025 Bharat ke rajneetik aur samvidhanik drishtikon se bahut mahatvapurna hai. Ye chunav Jagdeep Dhankhar ke achanak istifa dene ke baad karaya ja raha hai. Is baar ke chunav me do mukhya pratyashi hain – NDA ke taraf se C.P. Radhakrishnan aur INDIA Bloc ke taraf se Justice B. Sudershan Reddy. Ye chunav sirf ek pad ke liye nahi hai, balki Bharat ke samvidhan aur sansad ke functioning me ek strong prabhav dalne wala hai.

Uparashtrapati Chunav 2025

Uparashtrapati Chunav 2025

भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा होते हुए उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पद भारत का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, जिसका मुख्य कार्य राज्यसभा का अध्यक्ष बनकर संसद की कार्यवाही का संचालन करना होता है। इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव इसलिए भी खास बन गया है क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह प्रक्रिया चल रही है। भारत की राजनीतिक दिशा और नेतृत्व के लिहाज से यह चुनाव देश की राजनीति में नया मोड़ लेकर आ सकता है।

इस बार के चुनाव में दो प्रमुख प्रत्याशी मैदान में हैं। एक तरफ NDA की तरफ से C.P. राधाकृष्णन हैं, जो वर्तमान में भाजपा के समर्थित उम्मीदवार हैं। दूसरी तरफ, INDIA ब्लॉक ने न्यायमूर्ति B. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही उम्मीदवारों की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, और इस चुनाव की संभावित रूपरेखा पर चर्चा काफी गरमाई हुई है।


मतदान प्रक्रिया: सांसद करेंगे स्वतंत्र मतदान

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में भारत के लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान करेंगे। मतदान सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा। नए संसद भवन में यह मतदान प्रक्रिया संपन्न होगी। इसके बाद मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे। इस बार का सबसे खास पहलू यह है कि सांसदों पर पार्टी व्हिप नहीं लगाया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि सांसद गुप्त मत के तहत अपनी मर्जी से मतदान कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रक्रिया में पहला वोट डालने वाले नेता होंगे। यह परंपरा इस चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बना देती है, क्योंकि प्रधानमंत्री द्वारा मतदान देने का संकेत विपक्ष और जनता दोनों के लिए एक राजनीतिक संदेश माना जाता है।

मतदान प्रक्रिया की पूरी जानकारी NDA और INDIA ब्लॉक दोनों ने अपने सांसदों को दी थी। इसके साथ ही मॉक पोल का आयोजन भी हुआ ताकि हर सांसद पूरी तैयारी के साथ मतदान प्रक्रिया में भाग ले सके। दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने सांसदों से सही और ईमानदार मतदान करने की अपील की ताकि लोकतंत्र की भावना का पालन हो सके।


तीन प्रमुख दलों ने किया मतदान से बहिष्कार

इस चुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक दलों ने मतदान से बहिष्कार करने की घोषणा की है। ये दल हैं:

  1. बीजू जनता दल (BJD) – ओडिशा: BJD के प्रमुख नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि वे उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। उनका यह बहिष्कार देश के संवैधानिक पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
  2. शिरोमणि अकाली दल (SAD) – पंजाब: SAD ने भी बहिष्कार की घोषणा की और इसे अपने संवैधानिक दृष्टिकोण से उचित माना। उनका कहना है कि यह चुनाव प्रक्रिया में उनके विचारों का विरोध है।
  3. भारत राष्ट्र समिति (BRS) – तेलंगाना: BRS ने भी इस चुनाव से दूरी बनाई है। उनका उद्देश्य स्पष्ट है कि वह वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी की स्वतंत्रता और सिद्धांतों की रक्षा करना चाहते हैं।

इन तीनों दलों के बहिष्कार से कुल मिलाकर चुनाव के गणित पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि NDA गठबंधन के पास पर्याप्त बहुमत है। लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह बहिष्कार महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि यह एक बड़ा संदेश विपक्ष और सरकार दोनों को दे रहा है।


C.P. राधाकृष्णन बनाम B. सुदर्शन रेड्डी: उम्मीदवारों का विश्लेषण

C.P. राधाकृष्णन (NDA समर्थित उम्मीदवार)

C.P. राधाकृष्णन एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वे कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और उनके पास एक सुदृढ़ प्रशासनिक पृष्ठभूमि भी है। NDA के समर्थन से उनका यह चुनावी अभियान मजबूत बना हुआ है। उन्हें BJP और अन्य NDA घटक दलों का समर्थन प्राप्त है। उनकी छवि एक सशक्त, अनुभवशील और लोकतांत्रिक नेता की है जो संविधान के मूल सिद्धांतों का सम्मान करते हैं।

B. सुदर्शन रेड्डी (INDIA ब्लॉक का उम्मीदवार)

न्यायमूर्ति B. सुदर्शन रेड्डी एक जज के रूप में भारतीय न्यायिक व्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं। INDIA ब्लॉक ने उन्हें अपने उम्मीदवार के रूप में इसलिए चुना क्योंकि उनकी छवि निष्पक्षता और संवैधानिक ज्ञान की मूरत के रूप में जानी जाती है। उनका चुनाव विपक्ष का यह संदेश भी है कि वे संवैधानिक पद पर एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण प्रतिनिधि चाहते हैं।

दोनों उम्मीदवारों के बीच यह टक्कर राजनीतिक, संवैधानिक और नैतिक दृष्टि से अत्यंत रोचक बन चुकी है। देश की जनता और राजनीतिक विशेषज्ञ इस पर निगाहें जमाए हुए हैं कि किसकी पकड़ अधिक मजबूत सिद्ध होगी।


चुनावी परिदृश्य और राजनीतिक प्रभाव

उपराष्ट्रपति का पद सिर्फ एक औपचारिक भूमिका नहीं है, बल्कि संसद संचालन में निर्णायक भूमिका निभाता है। इसलिए इस चुनाव का परिणाम भारतीय राजनीति पर लंबी अवधि तक असर डाल सकता है। यदि NDA के C.P. राधाकृष्णन विजयी होते हैं तो यह भाजपा नेतृत्व की ताकत और उसकी संसद में बढ़ती पकड़ का प्रतीक माना जाएगा। वहीं, यदि B. सुदर्शन रेड्डी जीतते हैं तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ी सफलता होगी, जो सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करेगा।

इस चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक विश्लेषक और मीडिया चैनल लगातार लाइव अपडेट प्रदान कर रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि हर कदम संवैधानिक मानदंडों के अनुसार सही हो। चुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक समीकरणों में भी नए बदलाव देखे जा सकते हैं। संभवतः नए उपराष्ट्रपति की जीत सरकार और विपक्ष के बीच नए संवाद और रणनीति का रास्ता खोलेगी।


उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का यह महत्त्वपूर्ण दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नए अध्याय के रूप में दर्ज हो जाएगा। संसद भवन में चल रहे मतदान प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला वोट डालना और तीन प्रमुख दलों का बहिष्कार इस चुनाव को विशेष बनाता है। C.P. राधाकृष्णन के पक्ष में गणना का रूख दिखाई दे रहा है, लेकिन अंतिम परिणाम आज शाम घोषित किए जाएंगे।

देशभर की निगाहें आज संसद भवन पर टिकी हैं। इस चुनाव के परिणाम से भारतीय राजनीति की दिशा स्पष्ट होगी। लोकतंत्र की प्रक्रिया का पालन करते हुए भारत को एक नए उपराष्ट्रपति के रूप में संवैधानिक नेतृत्व मिलेगा, जो आगामी वर्षों में देश के संविधान के आदर्शों को बनाए रखने में भूमिका निभाएगा।

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By vikas

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